प्रेम और प्रेमी
Prem aur Premi

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॥ श्रीहरिः ॥

इसमें व्यावहारिक बातोंसे लेकर साधन, भजन, सत्संग और शरणागतिकी महत्ताका सरल, सरस एवं बोधगम्य भाषामें वर्णन है। ‘भगवान् के दिव्य श्रीविग्रहका दर्शन एवं ‘भगवान्के बाल स्वरुपका ध्यान’ बहुत ही मधुर एवं अभिभूत करनेवाला है । अवश्य पठनीय ।

From practical matters to the importance of Sadhana, Bhajan, Satsang and Sharanagati, it is described in simple, succulent and understandable language. ‘Darshan of the Divine Deity of God ‘and ‘meditation of the child form of God’ are sweet and overwhelming. Certainly Readable!

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पूज्य श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार