लेखक
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पूज्य भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार
₹50.00
॥ श्रीहरिः ॥
इसमें जिज्ञासु और कुछ प्रेमियोंका श्रीभाईजीको पत्र और उनको श्रीभाईजीका उत्तर है। श्रीकृष्णके प्रति एक मुस्लिम रैहाना तैयबजीकी जिज्ञासाको श्रीभाईजीने पत्रोंके द्वारा किस प्रकार भाव – संचार करके उन्हें श्रीकृष्ण भावापन्न कर दिया यह श्रीभाईजीके इन विलक्षण पत्रोंको पढ़कर समझा जा सकता है। इस पुस्तकसे श्रीकृष्ण-भाव संचय करनेका एवं साधनाका मार्गदर्शन प्राप्त होता है ।
There is a letter from a curious person and some lovers to Shribhaiji, and Shribhaiji’s replies to them. How Shribhaiji converted a Muslim Raihana Tyabji’s curiosity towards Shri Krishna through letters and converted him to Shri Krishna Bhavapan can be understood by reading these beautiful letters of Shribhaiji. From this book, one can get guidance for the accumulation of Shri Krishna-Bhav and spiritual practice.
पूज्य भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार