व्यवहार और परमार्थ
Vyavar and Parmarth
₹40.00
व्यवहार और परमार्थ पुस्तकाकार—लौकिक और पारलौकिक सभी विषयोंके सम्यक् ज्ञाता नित्यलीलालीन श्रद्धेय भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दारद्वारा समय-समयपर लोगोंकी समस्याओंके समाधानार्थ प्रश्नोत्तरके रूपमें लिखे गये पत्रोंका अद्भुत संग्रह।
Vyavar and Parmarth book form – a wonderful collection of letters written in the form of questions and answers by Nityalilaalin Revered Bhaiji Shri Hanuman Prasadji Poddar, a well-versed in all worldly and transcendental subjects, from time to time to solve people’s problems.