लेखक
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पूज्य भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार
₹35.00
॥ श्रीहरिः ॥
श्रीमद्भागवतके दशम स्कन्धके इक्कीसवें अध्यायके कुल बीस श्लोकोंमें भगवान् श्यामसुन्दरके वेणुगीतका वर्णन है । पूज्य ‘भाईजी’ श्रीहनुमान प्रसादजी पोद्दार ने दस दिनों तक प्रतिदिन एक घण्टे इसकी व्याख्या की थी। इसी प्रवचनमालाको इस पुस्तकके माध्यमसे प्रस्तुत किया गया है।
वेणुगीतमें श्रीगोपांगनाओंके श्रीमुखसे भगवान्के वेणुनादका वर्णन, उनके नटवर वपुका ध्यान और भाव साधना तथा गोवर्धनकी प्रेमाभक्तिका ऐसा हृदयस्पर्शी वर्णन किया गया है जैसे आँखों देखा विवरण हो । यह भगवत्प्रेमियोंके हृदयमें भावोद्दीपन करनेवाला है। इसके अध्ययनसे श्रीमद्भागवतके वेणुगीत को समझ सकते हैं, उसका रहस्य जान सकते है । श्री भाईजीका यह कृपा प्रसाद है ।
Lord Shyamsundar’s Venugeet is described in around twenty verses of the 27th chapter of the tenth canto of Shrimad Bhagwat. Pujya ‘Bhaiji’ Shri Hanuman Prasadji Poddar explained this for one hour every day for ten days. This series of discourses has been presented through this book.
In Venugeet, the description of Shri Krishna’s Venunad coming from Shri Gopanganas, the definition of his Natvar Vapu, sentimental love and love of Govardhan has been described in such a heart-touching way, wish the eyes could sense the subtle description. This will definitely excite the hearts of Bhagwat lovers. By studying this, one can understand Venugita of Shrimad Bhagwat and discover its secret.
पूज्य भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार