लेखक
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पूज्य भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार
₹30.00
॥ श्रीहरिः ॥
वैराग्यमें आनन्दकी अनुभूति और भक्तिमें रस- माधुर्य कैसे मिले और रासके रहस्यका बड़ा सुन्दर विवेचन है । मधुर – रसकी उपासना और इसकी प्राप्तिका उपाय के साथ श्रीराधा-माधवके प्रेमलीलाकी एक झलक’ आनन्दप्रदायक है।
How to get the feeling of joy in reclusion and Ras in devotion and beautiful interpretation of the mystery of Rasa. Madhur – Ras worship and how to achieve it with a glimpse of Shriradha-Madhav’s love in a pastime is enjoyable.
पूज्य भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार