सत्साहित्य के प्रचार प्रसार में भाई जी के सुपरिचित श्री अक्षयकुमार जी बंदोपाध्याय भारत के एक मूर्धन्य विद्वान, साहित्यकार एवं संत पुरुष थे| श्री भाई जी लिखते है – इनका न्यूनाधिक रूप से भगवान के विशेष कार्य से सम्बन्ध रहा है| इनकी उत्कृष्ट रचनाएँ कल्याण में प्रकाशित हुई और अनेकानेक लोग उनसे लाभान्वित हुए | प्रस्तुत पुस्तक उन्ही लेखों का संग्रह है | इसमें सनातन धर्म के प्राण स्वरुप गोविन्द, गीता, गंगा और गौ पर तात्विक चिंतनपूर्ण लेख है साथ ही हिन्दू दर्शन के गूढ़ आयामों को व्याख्या और अन्य विचारोत्येज्यक लेख है| इन लेखों को पुस्तकाकार करने उद्देश्य है कि आज का जनमानस जो इससे अनभिज्ञ है उसे यह सहज उपलब्ध हो जाये और वें लाभान्वित हो|
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