यह परम पूज्य भाई जी के सम्पूर्ण साहित्य में से संकलित अनके अमृत वचनों का संग्रह है जो प्रत्येक दिनांक के रूप में प्रतिदिन हमारे जीवन में नया प्रकाश लायेगा| यह एक कैलेंडर के रूप में प्राप्त है |
इस पुस्तक में श्री भाई जी ने श्रीमद्भागवत के दशम स्कंध के वेणुगीत पर जो प्रवचन माला दी थी उसीका लेखबद्ध रूप है| प्राय:उनके शब्दों को ज्यों का त्यों देने का प्रयास किया है |
श्री भाई जी के श्री मुख से नि:सृत वाणी को लिपिबद्ध करने का प्रयास भगवत्कृपा से किया है| इसमें सदाचार, ज्ञान, वैराग्य, भक्ति और प्रेम के उज्जवलतम स्वरुप का वर्णन बड़े ही सरल, सरस और बोधगम्य भाषा में हुआ है| हमें आशा और पूर्ण विश्वास है कि इसका अध्ययन-मनन लौकिक लाभदायी तो होगा ही साथ ही पारलौकिक पथ पर अग्रसर लोगों का पथ-प्रदर्शन अवश्य होगा|
यह परम पूज्य भाई जी के सम्पूर्ण साहित्य में से संकलित अनके अमृत वचनों का संग्रह है जो प्रत्येक दिनांक के रूप में प्रतिदिन हमारे जीवन में नया प्रकाश लायेगा| यह एक कैलेंडर के रूप में प्राप्त है |
इस प्रस्तुत पुस्तकमें "भगवान के दिव्य श्रीविग्रह का दर्शन" एवं 'भगवान के बाल स्वरूप का ध्यान' लेख श्रीभाईजी के अनन्य सेवक गोलोकवासी श्री गंभीरचंदजी दुजारी की डायरी से संकलित है और शेष लेख श्रीभाई जी के प्रवचनों को श्रीव्रजदेवजी दुबे द्वारा लिपिबद्ध किया गया है| इस संग्रहमें व्यवहारिक बातों से लेकर साधन जगत के उच्चतम विषयों का बहुत ही सरल, सरस एवं बोधगम्य भाषा में वर्णन है|
manish joshi –
श्री हरि