यह परम पूज्य भाई जी के सम्पूर्ण साहित्य में से संकलित अनके अमृत वचनों का संग्रह है जो प्रत्येक दिनांक के रूप में प्रतिदिन हमारे जीवन में नया प्रकाश लायेगा| यह एक कैलेंडर के रूप में प्राप्त है |
श्री भाई जी के श्री मुख से नि:सृत वाणी को लिपिबद्ध करने का प्रयास भगवत्कृपा से किया है| इसमें सदाचार, ज्ञान, वैराग्य, भक्ति और प्रेम के उज्जवलतम स्वरुप का वर्णन बड़े ही सरल, सरस और बोधगम्य भाषा में हुआ है| हमें आशा और पूर्ण विश्वास है कि इसका अध्ययन-मनन लौकिक लाभदायी तो होगा ही साथ ही पारलौकिक पथ पर अग्रसर लोगों का पथ-प्रदर्शन अवश्य होगा|
यह पुस्तक भक्तों के जीवन में भगवान की कृपा व चमत्कार की घटनाओं से सुसज्जित है जो मनुष्य को सहज ही भगवान में श्रद्धा व विश्वास पैदा करती है| इसमें सभी मनुष्यों के पठन-मनन योग्य उत्तम सामग्री है |
यह परम पूज्य भाई जी के सम्पूर्ण साहित्य में से संकलित अनके अमृत वचनों का संग्रह है जो प्रत्येक दिनांक के रूप में प्रतिदिन हमारे जीवन में नया प्रकाश लायेगा| यह एक कैलेंडर के रूप में प्राप्त है |
इस प्रस्तुत पुस्तकमें "भगवान के दिव्य श्रीविग्रह का दर्शन" एवं 'भगवान के बाल स्वरूप का ध्यान' लेख श्रीभाईजी के अनन्य सेवक गोलोकवासी श्री गंभीरचंदजी दुजारी की डायरी से संकलित है और शेष लेख श्रीभाई जी के प्रवचनों को श्रीव्रजदेवजी दुबे द्वारा लिपिबद्ध किया गया है| इस संग्रहमें व्यवहारिक बातों से लेकर साधन जगत के उच्चतम विषयों का बहुत ही सरल, सरस एवं बोधगम्य भाषा में वर्णन है|
इस पुस्तक में श्री भाई जी ने श्रीमद्भागवत के दशम स्कंध के वेणुगीत पर जो प्रवचन माला दी थी उसीका लेखबद्ध रूप है| प्राय:उनके शब्दों को ज्यों का त्यों देने का प्रयास किया है |
जीवन में शाश्वत शांति एवं अखंड आनंद प्राप्त करने के लिए रस-सिद्ध-संत- भाई जी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार प्रवर्तक संपादक - 'कल्याण' ने जो सामग्री प्रदान की है, उसी का एक एक और लघु-संग्रह आपके हाथों में देते हुए प्रसन्नता को अनुभव हो रहा है| वे जिस उच्च अध्यात्मिक भागवती स्थिति में स्थित थे, उसीका परिणाम था कि उनकी लेखनी एवं मुख से नि:सृत प्रत्येक मानव मात्र का मंगल करने में समर्थ है|
कुछ साधकों के सविनय आग्रह पर भाई जी ने एक बार श्रीभरत-चरित्र पर व्याख्यान दिया था जो श्रीभरत प्रेम-प्रवाह का सजीव चित्रण है| श्रीभरत भाव-दशा की इन झाकियों को पढ़-सुनकर एसा प्रतीत होता है की यह आँखों देखा सद्य: विवरण है| प्रभु की मंगलमयी कृपा से धर्मप्राण जनके कल्याण हेतु यह उन्ही का कृपा-प्रसाद है| आशा एवं विश्वास है की इसका पठन-मनन प्रेमी पाठकों को विशेष रसानुभूति करायेगा|
manish joshi –
श्री हरि