लेखक
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पूज्य भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार
₹30.00
॥ श्रीहरिः ॥
श्रीमद्भागवतके दशम स्कन्धके तेइसवें अध्यायमें यज्ञ – पत्नियोंका प्रसंग है । भगवान्की इस लीला कथामें सिद्धान्तोंको पिरोकर जिस तरह वर्णन किया गया है वह बहुत ही रोचक एवं हृदयस्पर्शी है। इसमें भगवान्के रुप छटाका अद्भुत चित्रण है । श्रीमद्भागवत अनुशीलन करनेवालोंके लिए यह एक अनुपम रत्न है।
The context of Yajna-wives is in the 23rd chapter of the tenth canto of Shrimad Bhagwat. The way in which the principles have been described in this Leela story of God is very interesting and heart-touching. There is a beautiful depiction of the form of God in it. This is a unique gem for those who follow Shrimad Bhagwat.
पूज्य भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार