प्रेमके अंकुर
Premke Ankur
₹30.00
॥ श्रीहरिः ॥
भगवान्की अनुकूलता कैसे मिले, उनके आश्रयसे कैसा सुख मिलता है तथा हृदयमें प्रेमका अंकुर उगनेपर कैसे-कैसे भाव- कुसुमोंका उदय होता है और मंजरी भावका बड़ा हृदयस्पर्शी वर्णन है। इसमें श्रीकृष्ण सखा सुदामा, श्रीराम सखा केवट और शबरीजीकी कथाके साथ ही कागभुशुण्डिजीका काग शरीरमें क्यों ममत्व है इसकी विशद व्याख्या है। यह साधनोपयोगी बातों और लीला – कथा प्रसंगोंका सुन्दर संग्रह है ।
There is a very heart-touching description of how to get God’s favour, what kind of happiness is gained from his shelter, and when the sprout of love grows in the heart, what kind of sentiments – flowers and manjari sentiments arise? In this, along with the story of Shri Krishna’s friend Sudama, Shri Ram’s friend Kevat and Shabriji, there is a detailed explanation of why Kagbhushundiji has affection in his crow body. This is a beautiful collection of valuable sayings and anecdotes.