Search
  • Home
  • Shop
  • CD’s Shop
  • My Account
  • About us
  • Contact
  • Sign In
भक्ति साहित्य प्रकाशन
  • Home
  • Shop
  • CD’s Shop
  • My Account
  • About us
  • Contact
Menu
Search
0

No products in the wishlist.

0
  • परम पूज्य श्री हनुमानप्रसाद पोद्दार जी संस्थापक
    गीतावाटिका
    उपदेश
  • अनमोल वचन
  • BACK TO OVERVIEW
  • BACK TO OVERVIEW
  • BACK TO OVERVIEW
  • BACK TO OVERVIEW
  • BACK TO OVERVIEW
  • BACK TO OVERVIEW
हे नाथ मुझे आप में और आपकी अहेतु की कृपा में दृढ़ विश्वास हो जाये|
विश्वास करो तुम पर भगवान् की बड़ी कृपा है तभी तो यह मनुष्य देह मिला है|
शरणागति या समर्पण भी वही है जो अनन्य तथा सम्पूर्ण होता है|
भगवान् में मन का न लगना ही मानव-जीवन की व्यर्थता है और बहुत बड़ा प्रमाद है|
सच्चा सुख एकमात्र नित्य निरतिशय परिपूर्णतम,अविनाशी,सदा अखण्ड एकरस श्री भगवान् में ही है|
जप की कोई विधि या समय नहीं है| चाहे जब करो पर करो श्रद्धा-प्रीति सहित| यही विधि है|
 
free download udemy course

logo-footer-retina

गीतावाटिका प्रकाशन

गीतावाटिका,
गोरखपुर . (उ.प्र.)
Phone: (0551) 2284742

गीतावाटिका प्रकाशन

  • पूज्य श्री भाईजी द्वारा लिखित (35)
  • पूज्य श्री भाईजी द्वारा सम्पादित (15)
  • पूज्य श्री राधाबाबा का साहित्य (5)
  • सम्पूर्ण गीता वाटिका प्रकाशन (60)

© Created by Dushyant Soni | Mob- 9425928821